परिचय - धर्मार्थ

धर्म का अर्थ पूर्णत: प्रकट नहीं किया जा सकता है, लेकिन इस विषय पर अध्ययन, मंथन एवं विवेचन मनुष्य की उपलब्ध मानसिक सामर्थ्य के आधार पर लोक कल्याण हेतु प्रस्तुत किया जा सकता है.

हिंदुत्व, अनादि काल से चली आ रही जीवन जीने की कला एवं परंपरा है, कि अनंत आयामों को छूकर आंदोलित करने का सार्थक प्रयास किया जा सकता है.

अध्यात्म विचारों की परिष्कृतता है जो मनुष्य के गुण एवं रहस्य को उजागर करते हुए जीवन एवं जीवन की अच्छी बुरी घटनाओं से सामंजस्य स्थापित करने का प्रयास करता है. इस साधन के अनवरत अभ्यास से मनुष्य परम शक्ति से सायुज्य स्थापित कर सकता है.

जीवन की उहापोह में व्यक्ति कुछ क्षण भगवत भजन, भक्ति के लिए नहीं निकाल पा रहा है जिज्ञासु प्रवृत्ति होने के कारण धार्मिक क्रियाकलापों के लिए सर्वप्रथम ‘ऐसा क्यों?’ यह विचार मन में आता है। इन सभी जिज्ञासाओं के लिए हम लेकर आ रहे हैं वैज्ञानिक तरीके से संशोधित धार्मिक ज्ञान, जो निश्चित ही जिज्ञासु प्रवृत्ति के मनुष्यों के लिए कारगर सिद्ध होगी।

मनुष्य के जन्म से मरण तक के अंतराल में अनेक घटनाएं होती रहती हैं उन घटनाओं समस्याओं का समाधान पूरी कोशिश करने के उपरांत भी नहीं हो पाता इसका हल वैदिक परंपरा से चली आ रही वैज्ञानिक ज्ञान से ढूंढना श्रेयस्कर है।

पारंपरिक प्रथाओं के प्रचलन को मूर्त रूप देने से पहले उसकी वैज्ञानिकता, उपयोगिता एवं सार्थकता का परीक्षण अति आवश्यक है क्योंकि यह सहज मानव स्वभाव है.

उपर्युक्त विषय पर विचार करने, विचार रखने और एक आधार युक्त निर्णय पर पहुंचने के लिए यह एक सूक्ष्म प्रयास किया जा रहा है।

धर्मार्थ

जीवन में आध्यात्मिक चेतना जगाने के लिए समय का सही उपयोग

आध्यात्मिकता जीवन की ऊर्जा, शांति, और प्रकाश का स्रोत है। यह हमें अपने असली स्वरूप में जानने, अपनी आत्मा को अनुभव करने और अपार आनंद…

हाटकालिका मंदिर, पिथौरागढ़: भक्ति और आध्यात्मिकता का केन्द्र

पिथौरागढ़, उत्तराखंड में स्थित हाटकालिका मंदिर हिन्दू धर्म का प्रमुख तीर्थ स्थल है जो शक्ति पूजा के लिए प्रसिद्ध है। यहां के मंदिर माता हातकालिका…