dharmarth.in
संस्कार - Dharmarth
बिनु सत्संग विवेक न होई ।राम कृपा बिनु सुलभ न सोई ।। सतसंगत मुद मंगल मूला। सोई फल सिधि सब साधन फूला।। रामचरितमानस बालकाण्ड ४…
admin