चाक्षुषी विद्या

इस मंत्र के पाठ से नेत्र के समस्त रोग दूर हो जाते है। नेत्र ज्योति सदा स्थिर रहती है। आठ ब्राह्मणों के द्वारा पाठ करने से यह विद्या अधिक सिद्ध होती है।  इसका पाठ नित्य नियमित करने वाले के कुल मे कोई अंधा नहीं होता। पाठ के अंत मे गंध, अक्षत, कुमकुम, चन्दन आदि से युक्त जल से भगवान सूर्य देवता को अर्घ्य देकर नमस्कार करना चाहिए। अर्घ्य इस प्रकार देना चाहिए की सूर्य की रोशनी जल से होती हुई सीधे नेत्रों में प्रवेश करे और ॐ घृणि सूर्याय नमः मंत्र का भी उच्चारण करना चाहिए।