कालभैरवाष्टकं

भगवान भैरव भोलेनाथ के अंश के रूप में प्रतिष्ठित हैं। भगवान भैरव स्मरण और पूजन मात्र से अनेक कष्टों को दूर कर देते हैं।

राहु-केतु ग्रह के दुष्प्रभाव को शांत करने के लिए प्रतिदिन काल भैरव अष्टक का पाठ जरूर करना चाहिए।

दुर्लभ वर को देने में सक्षम भगवान भैरव इस विश्व में व्याप्त हैं। जीवन में समृद्धि और ऐश्वर्य पाने के लिए भगवान भैरव का स्मरण एवं उनकी लीलाओं का गुणगान करते रहना चाहिए।

 

।।जय भैरव नाथ।।