राधे कान्हा लाड लडत हैं….

राधे कान्हा लाड लडत हैं,
भीचत अंग रंगरस उमड़त है।

नोकझोक भरी नैनन चितवन से,
कपोल गुलाबी, सजीले चमकत हैं।।

राधे कान्हा लाड लडत हैं…

निराली छटा के मखमली छुवन से,
अधर रसीले, कांतिरस टपकत है।।

राधे कान्हा लाड लडत हैं…

प्रेम पराग सुधारस भरी मुरली से
रोम रोम अंग अंग दमकत है ।।

राधे कान्हा लाड लडत हैं…

Dr. Hemant KeshavDatt Joshi