वेदसार शिव स्तोत्रम् || वेदसार शिवस्तवः स्तोत्र हिंदी अर्थ सहित ||

वेदसार शिवस्तवः पशूनां पतिं पापनाशं परेशं गजेन्द्रस्य कृत्तिं वसानं वरेण्यम्। जटाजूटमध्ये स्फुरद्‌गाङ्गवारिं महादेवमेकं स्मरामि स्मरारिम्॥१॥ जो सम्पूर्ण प्राणियोंके रक्षक हैं, पापका ध्वंस करनेवाले हैं, परमेश्वर…

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