गोविन्दाष्टकम।।सदा तं गोविन्दम परमसुखकंदम भजत रे….

चिदानंदाकारं श्रुतिसरससारं समरसं ........... सदा तं गोविन्दम परमसुखकंदम भजत रे....

हे ! मनुष्य उस परमानन्दकन्द गोविन्द का सदैव भजन कर।