हरनंदा मंदिर, चमेटी हरिदेव बुंगाछीना, पिथौरागढ़, उत्तराखण्ड

हरनंदा मंदिर, चमेटी हरिदेव बुंगाछीना, पिथौरागढ़, उत्तराखण्ड

पिथौरागढ़ से लगभग 17 कि.मी. की दूरी पर बुंगाछीना के दक्षिण की ऊँची पहाड़ी पर नंदा देवी मंदिर, हरद्यौ, स्थापित​ है। माँ हरी नंदा का भव्य मंदिर म्यौली गांव (बुंगाछीना से तीन किमी दूर नगरोड़ा) के पास हरदयो धुरा मे स्थित है।

स्थानीय मान्यतानुसार पूर्व में यहाँ 'हरगंगा’ नदी प्रवाहमान थी। इसी से इस देवी का नाम 'हरनंदा’ प्रसिद्ध हुआ। यह भी कहा जाता है कि कुमाऊँनी में 'हरद्यौ’ नाम 'हर नंदा द्योथल’ (देवस्थल) का अपभ्रंश रूप है। श्रावण मास की कर्क संक्रान्ति को इस मंदिर में प्रतिवर्ष मेला लगता है।


'हरद्यौ’ में कई भग्न वैष्णव मूर्तियाँ हैं। एक लघु थान में कलात्मक लक्ष्मीनारायण की प्रतिमा कार्त्तिकेयपुर के खस राजाओं के समय की कही जाती है।

मुख्य मंदिर के गर्भगृह में हैमवती शैली के दो लघु मंदिर हैं-एक नंदा और दूसरा भगवान शिव का।

इन दो मंदिरों की सुरक्षा हेतु बाहर से सीमेंट द्वारा एक बड़ा मंदिर बना दिया गया है। इस स्थल से उत्तर में नंदाकोट और पंचचूली श्रृंखलाओं के स्पष्ट दर्शन होते हैं।


लेख

श्री नीरज जोशी, पिथौरागढ़, उत्तराखण्ड