ध्वज मंदिर, कनालीछीना विकासखंड, पिथौरागढ़, उत्तराखण्ड

ध्वज मंदिर, कनालीछीना विकासखंड, पिथौरागढ़, उत्तराखण्ड

पिथौरागढ़ जिला मुख्यालय से डीडीहाट मार्ग पर लगभग २० किलोमीटर की दूरी पर सतगढ़ नामक स्थान है। यहाँ पर दो मंदिर है एक गुफा जिसमें महादेव शिव की पूजा की जाती है और दूसरा पहाड़ी की चोटी पर माँ जयंती का मंदिर। कनालीछीना विकास क्षेत्र में सतगढ़ और पलेटा मार्ग से ऊपर ७५०० फीट की ऊंचाई पर शिव का एक प्राचीन प्राकृतिक मंदिर है, मंदिर गुफा में है, अंदर शिवजी का प्राकृतिक लिंग (पत्थर) है, स्थानीय लोगों द्वारा इसे खंडेनाथ कहा जाता है।

सतगढ़ गांव से लगभग ४ किमी दूर पहाड़ के शिखर पर प्रसिद्ध “ध्वज मंदिर” स्थित है। यह मंदिर देवी जयंती माता को समर्पित है जो स्थानीय लोगों द्वारा पूजी जाती हैं । ध्वज मंदिर को ध्वज खंडेनाथ या ध्वज जयंती मंदिर भी कहा जाता है। जहाँ पहुंचने के लिए लम्बी कठिन चढ़ाई चढ़नी पड़ती है। यह मंदिर समुद्री तल २१०० मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, और इस स्थान से शक्तिशाली हिमालय पर्वतमाला की बर्फ से ढंकी चोटियों का मनमोहक दृश्य सहसा मन को आकर्षित करता है।

मुख्य मंदिर से २०० फुट नीचे गुफा मंदिर स्थित है जो भगवान शिव को समर्पित है। इस मंदिर की स्थापना के बारे में कुछ किंवदंतियाँ प्रचलित हैं। एक किंवदंती है कि शिव के नाम के कारण उपरोक्त स्थान का नाम “ध्वज” रखा गया था।

 

इसका नाम “कपड़ी” वंश के पूर्वजों ने रखा था। यह भी कहा जाता है कि लगभग ५० फीट गुफा में लंबे समय तक, इस स्थान में भगवान शिव की उपस्थिति थी इसलिए यह जमीन “खण्डनाथ” के साथ भी जुडी हुई है। यहां शिवरात्रि तथा हड़ताली तृतीया को स्थानीय एवं जिला स्तर का मेला आयोजित होता है । यहाँ  विभिन्न स्थानों से श्रद्धालु आते हैं और भगवान भोलेनाथ और जयंती माँ की उपासना करते हैं।


लेख

श्री नीरज जोशी, पिथौरागढ़