जय जय हे मातु भवानी, जय जय हे जगदम्ब भवानी

जय जय हे मातु भवानी, जय जय हे जगदम्ब भवानी

तेरे चरणों में शीश नवाऊँ, न्यौछावर जीवन कर जाऊँ ।

पूजन-अर्चन हर पल करते, तुमको मैं यूंही जपता जाऊँ ।

महिमा तेरी अपार, कह गए संत और ज्ञानी ॥

जय जय हे मातु भवानी.....

करुणामई आभास तुम ही हो, सत्य अटल आधार तुम ही हो ।

अंधकार मलिन पल-छिन में, दिव्य प्रकाश-आकाश तुम ही हो ।

घटती बढ़ती आशाओं में, विश्वास तुम ही हो ॥

जय जय हे मातु भवानी.....

वसुन्धरा की देवी तुम हो, तुम हो रक्षक-संरक्षक हो ।

मन में मचलती बाल भावना, ममता तुम ही मुस्कान तुम ही हो ।

हम में तुम हो, तुम में सब हैं, सार तुम ही हो ॥

जय जय हे मातु भवानी.....


डॉ हेमन्त केशवदत्त जोशी

जय जय हे मातु भवानी, जय जय हे जगदम्ब भवानी…..शंकर दत्त पन्त जी द्वारा गाया गया सुंदर भजन