राधे चरनन में शीश नवाऊँ, जीवन धन्य अपना कर जाऊँ

राधे चरनन में शीश नवाऊँ, जीवन धन्य अपना कर जाऊँ शेष-अशेष के बंधनों को, प्रतिपल तप से विलगा जाऊँ। राग द्वेष की उलझनों को, प्रीत…

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