ऋग्वेद के दूसरे अध्याय के छठे सूक्त से अनुष्टुप छंद में माता लक्ष्मी की अद्भुत स्तुति। हिरण्यवर्णां हरिणीं सुवर्णरजतस्रजाम् चन्द्रां हिरण्मयीं लक्ष्मीं जातवेदो म…
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श्राद्ध पक्ष का महत्व
भारतीय सभ्यता एवं संस्कारों में माता तथा पिता के प्रति आदर व सेवा का भाव रखने की परंपरा चली आ रही है। उनके वृद्ध होने…
View More श्राद्ध पक्ष का महत्वअष्टमूर्तिस्तव||संजीवनी विद्या प्रदान करने वाली स्तुति||(संस्कृत एवं हिंदी में)
महर्षि भृगु के वंश में उत्पन्न श्री शुक्राचार्य महान् शिवभक्तों में परिगणित है। इन्होने काशीपुरी में आकर एक शिंवलिंग की स्थापना की, जो शुक्रेश्वर नाम…
View More अष्टमूर्तिस्तव||संजीवनी विद्या प्रदान करने वाली स्तुति||(संस्कृत एवं हिंदी में)सत्य की महिमा || श्रीशिवमहापुराण, उमासंहिता
सत्यमेव परं ब्रह्म सत्यमेव परं तपः सत्यमेव परो यज्ञः सत्यमेव परं श्रुतम् सत्यं सुप्तेषु जागर्ति सत्यं च परमं पदम् सत्येनैव धृता पृथ्वी सत्ये सर्वं प्रतिष्ठितम्…
View More सत्य की महिमा || श्रीशिवमहापुराण, उमासंहिताकालभैरवाष्टकं
भगवान भैरव भोलेनाथ के अंश के रूप में प्रतिष्ठित हैं। भगवान भैरव स्मरण और पूजन मात्र से अनेक कष्टों को दूर कर देते हैं। राहु-केतु…
View More कालभैरवाष्टकंजागेश्वर धाम में स्थित पुष्टि देवी जी के प्रधान पंडित जी के साथ धार्मिक चर्चा
पंडित कमल भट्ट जी (जागेश्वर धाम, अल्मोड़ा, उत्तराखंड, भारत में स्थित) पुष्टि देवी जी के प्रधान पंडित जी है. आप पूजा पाठ के अतिरिक्त धार्मिक…
View More जागेश्वर धाम में स्थित पुष्टि देवी जी के प्रधान पंडित जी के साथ धार्मिक चर्चायही कारण है की रुद्राक्ष धारण करें और रोगों से मुक्ति पाएँ………….
रुद्राक्ष सुरक्षा कवच प्रदान करता है और सभी दुर्घटनाओं और नकारात्मक ऊर्जा से बचाता है, रक्षा करता है। आध्यात्मिक रूप से अग्रिम और शक्तिशाली बनाता…
View More यही कारण है की रुद्राक्ष धारण करें और रोगों से मुक्ति पाएँ………….जागेश्वर धाम
आस्था एवं विश्वास की धरोहर बाबा भोलेनाथ का धाम जागेश्वर प्राकृतिक सौंदर्य से अतुलनीय पवित्र स्थान है यह उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले से 35 किलोमीटर…
View More जागेश्वर धामजानिए….शिखा (चोटी) रखने का वैज्ञानिक कारण
शिखा रखने से साधना के प्रति ध्यान गहरा होता है और परमात्मा के प्रति स्नेह और प्रेम मे वृद्धि होती है।
View More जानिए….शिखा (चोटी) रखने का वैज्ञानिक कारणचतुःश्लोकी भागवत (अर्थ सहित)
यदि मनुष्य नित्य नियमित चतुःश्लोकी भागवत का पाठ करता है तो उसके सभी मानसिक संताप तत्क्षण दूर हो जाते हैं। कहा गया है कि -…
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